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डिग्री के साथ ही ये स्किल होने पर आसानी से मिलती है नौकरी, ऐसे कैंडिडेट जल्दी होते हैं सेलेक्ट

आज के समय में जब कांपटीशन इतना बढ़ गया है और नौकरी को लेकर मारा-मारी मची रहती है, ऐसे में केवल डिग्री ही जॉब दिलाने के लिए काफी नहीं है. इसके साथ ही बहुत से गुण कैंडिडेट में देखे जाते हैं, जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है. अगर आप डिग्री और एक्सपीरियंस के साथ अपने अंदर ये गुण विकसित कर लेंगे तो न केवल अच्छी नौकरी मिलने के चांस बढ़ जाएंगे बल्कि प्रमोशन भी बढ़िया होगा. कम्यूनिकेशन स्किल्स- कम्यूनिकेशन स्किल्स को आज के समय की जरूरत कहा जाए तो गलत नहीं होगा. लिखने से लेकर बोलने तक हर जगह इनकी जरूरत पड़ती है. अगर आप प्रभावी तरह से अपनी बात कह सकते हैं तो कंपनी आपको हाथों-हाथ लेती है. ऐसे कैंडिडेट्स को प्रमोशन भी मिलता है और वे जल्दी नौकरी के लिए सेलेक्ट भी हो जाते हैं. इसलिए अकेले में या पब्लिक में बात कहने की कला सीखें. टीम के तौर पर काम करना -कई बार कुछ लोग बढ़िया परफॉर्म करते हैं लेकिन जब उन्हें टीम में काम करने के लिए कहा जाता है तो वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते. एक टीम के तौर पर काम करना, सभी को साथ लेकर चलना और और अपने साथियों के साथ अच्छे से मिलकर रहना, य

हमेशा प्रतियोगिता खुद से करें

शिक्षा की जड़ें कड़वी होती हैं लेकिन फल मीठा होता है।” – अरस्तु अरस्तू के सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक उद्धरणों में से एक, यह कथन केवल उस संघर्ष की वास्तविकता को व्यक्त करता है जिसे हर कोई शिक्षा प्राप्त करने के वर्षों के दौरान झेलता है। जबकि आपको रास्ते में कई संघर्षों और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, केवल एक चीज जो आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप इसे अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं। अपनी गलतियों के साथ-साथ आपके सामने आने वाली कठिनाइयों से सीखें क्योंकि ये सभी आपके कौशल और क्षमताओं को निखारेंगे और अंततः आपको एक बेहतर और सीखा हुआ व्यक्ति बनाएंगे। सफल और असफल लोग अपनी क्षमताओं में बहुत भिन्न नहीं होते हैं। वे अपनी क्षमता तक पहुँचने के लिए अपनी इच्छाओं में भिन्न होते हैं”- जॉन मैक्सवेल सफल और असफल लोगों के बीच एकमात्र महत्वपूर्ण अंतर यह है कि पहले वाले वे दृढ़ निश्चयी और मजबूत नेतृत्व वाले लोग होते हैं, जो अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं, जबकि बाद वाले अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ता की कमी रखते हैं। जो आप हमेशा से चाहते ह

What is the Factory Audit?

फैक्ट्री में ऑडिट कितने प्रकार के होते है और उनका क्या महत्व है ? फैक्ट्री में ऑडिट कई प्रकार के होते है उनमे से महत्वपूर्ण ऑडिट क्या है उसके करने के फायदा और नुकसान क्या होता है   इसके बारे में हम इस ब्लॉग में जानने कि कोशिश करेंगे की कौन कौन  सी ऑडिट होती है और कितने प्रकार की होती है  तो चलिए आप सभी के सामने हम बताने चलते है ऑडिट के प्रकार  1 ) इंटरनल ऑडिट  २) कस्टमर ऑडिट  ३) थर्ड पार्टी ऑडिट  १) इंटरनल ऑडिट - किसी भी कंपनी में इंटरनल ऑडिट करने के लिए टाइम फ्रेम डिफाइन किया गया होता किसी किसिस कंपनी में इंटरनल ऑडिट 3 महीने पर होता तो कही कही 6 महीने पर होता है|  इंटरनल ऑडिट